दोस्तों आज की कहानी कोई नई कहानी नहीं हैं, ये कहानी मुझसे, आपसे और उन सब लोगो की कहानी है जो अपनी ताकत से अनजान हैं. जो अपने को सही से नहीं जानते। जिनको लगता है की वो कुछ बड़ा काम नहीं कर सकते. जिनको नहीं पता की वो क्या क्या कर सकते है. जो ये सोचते है की हम कुछ नहीं कर सकते हैं. क्योंकि उनका मानना है की उनके अंदर वो खुबिया नहीं है जो दूसरे सफल लोगो में हैं. इस कहानी को पड़ने के बाद किसी बधे हुए हाथी को जरूर देखे और अपने आप से पूछे की - क्या हाथी इस रस्सी को नहीं तोड सकता है, जिससे वो बधा हैं?
“It’s never too late to do the right things” “आशावादी होने में क्या कष्ट है? रो तो कभी भी सकते हैं।” - लूसिमार सांतोस द लीमा
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