दोस्तों आज आपको अपनी एक छोटी यात्रा के बारे में बताता हूँ. मैंने और मेरे एक दोस्त (हिमांशु) ने २ दिन में इस यात्रा को पूरा किया और वो भी बाइक से. हमने २ दिन में करीब 1200 किलो मीटर से ज्यादा बाइक चलाई। रास्ते में ढाबों पे सोए, राजस्थानी खाना खाया, ऊँट की सवारी की और ब्रम्हं मंदिर में एक माता जी से मिले जो मंदिर के नीचे
“It’s never too late to do the right things” “आशावादी होने में क्या कष्ट है? रो तो कभी भी सकते हैं।” - लूसिमार सांतोस द लीमा
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